Goodyear Engine Oil: कार और बाइक के लिए है बेस्ट इंजन ऑयल

नई दिल्ली: इंजन ऑयल (लुब्रिकेंट)हर गाड़ी के लिए बेहद जरूरी होता है, इसलिए समय पर इंजन ऑयल की जांच बेहद जरूरी होती है. इतना ही नहीं समय-समय पर ऑयल चेंज कराना भी जरूरी होता है. इस समय मार्केट में इंजन ऑयल के कई ब्रांड्स मौजूद हैं, जो अपने आप को बेहतर होने का दावा करते हैं. हाल ही में Goodyear ने भारत में अपने नए lubricants की बड़ी रेंज को पेश किया है. कंपनी की तरफ से हमें टू-व्हीलर और फोर व्हीलर के किये इंजन ऑयल मिले, जिन्हें कार और बाइक में डलवाया.

गुडइयर इंजन ऑयल

कुछ समय पहले पॉपुलर टायर्स निर्माता कंपनी गुडइयर (Goodyear) ने एश्योरेंस इंटरनेशनल के साथ मिलकर भारत में इंजन ऑयल की नई रेंज को भारत में उतारा है. कंपनी के इंजन ऑयल की यह रेंज सभी प्रकार के वाहनों कमर्शियल, पैसेंजर और दोपहिया वाहनों के लिए उपलब्ध होंगे. दोनों कंपनियां मिलकर भारत में सभी प्रकार के ल्यूब्रीकेंट्स उपलब्ध कराएंगी. गुडइयर के इंजन ऑयल को बाइक और कार में डलवाने के बाद टेस्टिंग में काफी चौंकने वाले नतीजे देखने को मिले,

बाइक और कार की परफॉरमेंस में काफी अच्छा रिस्पांस देखने को मिला. पिकअप बेहतर होने के साथ इंजन काफी स्मूथ काम कर रहा है.गुडइयर के लुब्रिकेंट प्रीमियम क्वालिटी से लैस है.साथ ही इससे इंजन की परफॉरमेंस में भी वाकई फर्क नज़र आता है.जबकि मार्केट में मौजूदा अन्य ब्रांड्स भी इतना बेहतर नतीजे नहीं दे पाते. कंपनी के पास इस समय हर प्रकार के ग्रेड और क्वालिटी के ल्यूब्रीकेंट्स मौजूद है.

भारत में इस समय कैस्ट्रोल, सर्वो, वोल्वोलाइन, गल्फ और मोटुल इंजन ऑयल जैसे ब्रांड्स मौजूद हैं. ये सभी कंपनियां वाहनों की जरूरत के हिसाब से लुब्रिकेंट बनाती हैं, और हर प्राइस रेंज में उपलब्ध हैं. ये सभी कंपनियां बेहतर लुब्रिकेंट का दावा करती हैं, इन सभी ब्रांड्स को इस्तेमाल किया है लेकिन गुडइयर इंजन ऑयल से काफी बढ़िया परफॉरमेंस देखने को मिलती है.

कितने तरह के होते हैं इंजन ऑयल
इस समय भारत में तीन तरह के इंजन ऑयल मौजूद हैं जिनमें मिनरल, सेमी सिंथेटिक और फुली सिंथेटिक मौजूद हैं. इंजन ऑयल अगर सही मात्रा और कंडीशन में हो तो इंजन की लाइफ बेहतर बनती है. इतना ही नहीं यह उच्च ताप पर इंजन के कंपोनेंट्स को लुब्रिकेशन के जरिये स्मूथ बनाए रखने में मदद करता है. लुब्रिकेंट मुख्य इंजन पार्ट्स से चिपकता है, और इंजन के बंद रहने पर भी बेहतर  सुरक्षा प्रदान करता है. लुब्रिकेंट से इंजन को ठंडा रखने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं इंजन के कंपोनेंट में घर्षण कम होता है और इंजन में जमा कार्बन और गंदगी भी साफ़ होती है.

इंजन ऑयल कब बदलना चाहिए
वैसे तो इंजन ऑयल को हर 5000 से 6000 किलोमीटर के बाद बदल देना चाहिए, जबकि हर 3000 किलोमीटर पर इसका टॉपअप भी किया जाना चाहिए. लेकिन आगर आप रोजाना हैवी ट्रैफिक में गाड़ी चलाते हैं तो आपको हर 2000 किलोमीटर में एक बार इंजन ऑयल को चेक कर लेना चाहिए.