निसान के बजट ब्रैंड डैटसन ने एंट्री लेवल कारों के सेगमेंट में गो प्लस के रूम में कुछ नया देने की कोशिश की है। हमने इस कार की टेस्ट ड्राइव करके पता लगाया कि इसके ‘प्लस’ में कितना दम है…
डिजाइन
डैटसन की पहली कार गो का डिजाइन उसकी बड़ी यूएसपी रहा है। यह इसका डिजाइन ही है जो इसे सस्ती कार की तरह नहीं दिखने देता। गो प्लस भी सामने से देखने पर बिल्कुल गो की तरह ही दिखती है जो एक तरह से अच्छा ही है।
लेकिन साइड और रियर इसका काफी अलग है। अपनी कॉम्पैक्ट साइज की वजह से ओवरऑल लुक्स में यह एमपीवी से ज्यादा एक बड़ी हैचबैक वाली फीलिंग देती है।
इंटीरियर का डिजाइन भी बिल्कुल गो की तरह ही है। प्लास्टिक क्वॉलिटी में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
डिजाइन तो ठीक है लेकिन मटिरियल की क्वॉलिटी को बेहतर बनाने का मौका कंपनी ने चूक दिया।
स्पेस और फीचर्स :
कार की लंबाई चार मीटर से कम रखी गई है जो इसे टैक्स से छूट दिलाती है लेकिन इतने कम स्पेस में 7 लोगों के बैठने की कंफर्टेबल जगह बनाना मुमकिन नहीं है। फिर भी कंपनी ने कुछ नया करने की कोशिश की है जो काबिले तारीफ है। फ्रंट सीट पर ठीक ठाक स्पेस है लेकिन असली बदलाव सेकंड रो में दिखता है जहां बढ़िया लेगरूम मिलता है।
तीसरे रो के लिए आपको बीच वाली सीट को फोल्ड करके जाना होता है। किसी तरह आप पीछे पहुंच तो जाते हैं लेकिन यहां कोई बैठ नहीं सकता। लेग रूम और हेड रूम बिल्कुल नहीं है। सिर्फ छोटे बच्चे ही यहां बैठ सकते हैं वो भी छोटी दूरी के लिए। लेकिन पॉजीटिव साइड यह है कि इस स्पेस को सामान रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। तीसरी सीट फोल्ड करने के बाद 347 लीटर का कार्गो स्पेस बन जाता है जो लगभग किसी कॉम्पैक्ट सेडान जितना ही है।
स्टोरेज स्पेस की कमी साफ दिखती है। ग्लव बॉक्स भी ओपन है। टॉप मॉडल में बेसिक एसी, पावर स्टियरिंग, फ्रंट पावर विंडो जैसे फीचर्स मिलेंगे। म्यूजिक सिस्टम की जगह मोबाइल डॉक स्टेशन दिया गया है जो इसे दूसरे कारों के अलग करता है।
इसमें आप अपने स्मार्ट फोन को कनेक्ट करके गाने भी सुन सकते हैं और स्पीकर पर कॉल भी ले सकते हैं। डिस्डेंस टू एंप्टी, एवरेज और रियल टाइम माइलेज ट्रिप कंप्यूटर आपको दिखता है जो काफी काम के फीचर्स हैं।
परफॉरमेंस और हैंडलिंग:
इसमें फिलहाल डीजल इंजन का कोई ऑप्शन नहीं है। 1.2 लीटर का पेट्रोल इंजन लगा है जो 67 बीएचपी की पावर देता है। हालांकि इस बार इंजन को ज्यादा वजन और बड़ी कार के हिसाब से रीट्यून किया गया है। इस बात का अहसास गाड़ी को स्टार्ट करते ही हो जाता है।
हाइवे पर इसे दौड़ाते वक्त या पहाड़ी चढ़ाई के दौरान इंजन हांफता नहीं है बल्कि दूसरी बड़ी कारों को टक्कर देता है। सिटी ट्रैफिक में भी इसे चलाना काफी अच्छा अनुभव रहा। गियर्स को ज्यादा डाउनशिफ्ट नहीं करना पड़ता।
पावर स्टियरिंग भी सही काम करता है और इसके कॉम्पैक्ट साइज के चलते पार्किंग में भी ज्यादा दिक्कत नहीं आती। तेज़ रफ़्तार से चलाने पर केबिन में शोर आता है जो निराश करता है।
कैसी है गाड़ी?
पहले तो इसे एक 7 सीटर गाड़ी के तौर पर देखना गलत होगा। इसे एक ऐसी बड़ी हैचबैक के रूप में देखना ठीक रहेगा जिसमें जरूरत के वक्त तीसरी सीट का इस्तेमाल बच्चों के बैठने या सामान रखने के लिए किया जा सकता है। गो की कीमत 3.82 लाख रुपये शुरू होती है और यही वजह है की यह कार लोगों को आकर्षित करती है। कोई सीधा कॉम्पिटिशन न होना प्लस पॉइंट है लेकिन किसी नए सेगमेंट की पहली कार के लिए कस्टमर जुटाना भी एक बड़ा चैलेंज होता है।
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इंजन : 1.2 लीटर पेट्रोल
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पावर : 67 Bhp
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टॉर्क : 104 Nm
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माइलेज: 20.6 kmpl
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कीमत : 3.82 लाख रुपये से शुरु
मॉडल |
कीमत |
Datsun Go+ D |
RS.382195 |
Datsun Go+ A |
RS.402371 |
Datsun Go+ A EPS |
RS.444900 |
Datsun Go+ T |
RS.468900 |
Datsun Go+ T (O) |
RS.488900 |