साइबराबाद पुलिस ने नकली हेलमेट बनाने वाले रैकेट का किया भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

नई दिल्ली: नकली हेलमेट बेचना, नकली दवाई बेचने के समान है, पैसे के लालच में देश में नकली ISI मार्क हेलमेट बना कर बेचें जा रहे हैं.रोड साइड पर आपको काफी जगह नकली हेलमेट बिकते हुए नजर आ जायेंगे. लेकिन अब नकली हेलमेट बनाने और बेचने वालों की खैर नहीं,  हाल ही में साइबराबाद (हैदराबाद) पुलिस ने नकली हेलमेट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. जांच में पता चला है कि नकली हेलमेट बनाने वाले इन अपराधियों के तार गाजियाबाद से जुड़े हैं.

ये लोग नकली हेलमेट बना कर उस पर ISI मार्क लगा कर देश में बेच रहे थे. पुलिस ने 10 जनवरी को इन दोनों अपराधियों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है, इनके नाम हैं अनिल कुमार और धीरज कुमार.

साइबराबाद ट्रैफिक पुलिस ने इन नकली हेलमेट को बनाने वाले रैकेट को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम तैयार की है. इस विशेष टीम ने उत्तर प्रदेश (UP)के गाजियाबाद में ऐसी नकली हेलमेट निर्माण करने वाली जगह की पहचान करके छापा मारकर  दो निर्माताओं अनिल कुमार और धीरज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस द्वारा जारी जानकारी के अनुसार धीरज कुमार, O2 Helmets (आर्शिवाद हेलमेट्स एंड एक्सेसरीज) के नकली हेलमेट का निर्माण करता करके बेचता था जबकि अनिल कुमार वेलफेयर एंटरप्राइजेज के नाम से नकली हेल्मेट्स का निर्माण और बिक्री करता था. इस संबंध में, पुलिस ने इनके खिलाफ 10 FIR (आपराधिक मामले) दर्ज की हैं और आगे की कार्रवाई की जा रही है.

साइबराबाद पुलिस के द्वारा नकली हेलमेट का भंडाफोड़ किये जाने के बाद आगे क्या हुआ वो हम आपको बताने जा रहे हैं.आज की डेट में दिल्ली-NCR में जितनी भी हेलमेट फैक्ट्री हैं, करीब 75 पर्सेन्ट फैक्ट्रीयां बंद पड़ी हैं. साइबराबाद पुलिस से होनर घबरा गये हैं और कोई भी अपनी फैक्ट्री नहीं जा रहे हैं. इतना ही नहीं दिल्ली के जितने भी होल सेलर हैं जोकि करोल बाग़ में बैठे हैं और नकली हेलमेट खरीदकर बेचते थे, उन्होंने वो नकली हेलमेट बेचना बंद कर दिया है, या फिर वो माल कहीं छुपा दिया है.अब करोल बाग़ में अब असली ISI मार्क हेलमेट मिलेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि helmet association के technical advisor  Govind Dabral में इस्तीफा दे दिया है.

जो मुहीम साइबराबाद पुलिस ने चलाई है वो काबिलेतारीफ है, यही मुहीम अगर देश के हर स्टेट में चलाई जाए तो हम देश में नकली हेलमेट बनाने वालों को जड़ से  उखाड़ फेंक देंगे और साल में लाखों लोगों की जान बचा सकेंगे.

रिपोर्ट्स की मानें तो देश में हर रोज औसतन 119 लोगों की मौत हेलमेट न लगाने के कारण होती है. साल 2017 में हेलमेट न लगाने के कारण 35,975 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 21 फीसदी बढ़कर 43,600 पहुंच गया था. सड़क हादसों में होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण हेलमेट की खराब क्वालिटी भी होती है. इसलिए नकली ISI मार्क वाला नकली हेलमेट बिलकुल भी इस्तेमाल न करें.

सड़क किनारे कई ऐसी दुकानें मिल जाएंगी जहां पर नकली हेलमेट को असली बता कर बेचा जाता है. ये लोग 100-200 रूपये के हेलमेट 500 रुपये से 700 रुपये में बेचते हैं. याद रखें कोई भी असली हेलमेट इतनी कम कीमत में नहीं आता. इसलिए आप ओरिजिनल ISI मार्क हेलमेट खरीदें जिसकी कीमत करीब 900 रुपये से  शुरू होती है. इसलिए हमेशा टू-व्हीलर चलाते समय असली ISI मार्क हेलमेट ही पहनें.