टेक डेस्क। डाटा लीक मामले में मार्क जुकरबर्ग को लंबे समय से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में अब फेसबुक के मुख्य अधिकारी जुकरबर्ग ने चुप्पी तोड़ते हुए दो अरब फेसबुक यूजर्स से माफी मांगी है। इतना ही डाटा को आने वाले समय में और भी ज्यादा सेफ करने की बात कही है। इस मामले में 50 मिलियन लोगों का डाटा लीक हुआ है। ऐसे में फेसबुक यूजर्स गुस्से में हैं और कई यूजर्स ट्विटर के माध्यम से फेसबुक अकाउंट डिलीट करने की बात भी कह रहे हैं।
मार्क जुकरबर्ग ने कही ये बात: मार्क जुकरबर्ग ने अपने बयान में कहा- ” फेसबुक को मेरे द्वारा शुरू किया गया है और इससे जुडी किसी भी मामले के लिए मैं जिम्मेदार हूं। फेसबुक यूजर्स का डाटा सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मेरी है और अगर ऐसा करने में नाकामी का मतलब है की हम आपकी सेवा करने के लायक नहीं हैं।” उन्होंने माना की कंपनी को इस ओर कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
ये है पूरा मामला: अब सवाल यह है कि आखिर इतने बड़े स्तर पर डाटा की चोरी कैसे हुआ? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डाटा को एक एनालिस्ट (विश्लेषक) की ओर से एकत्रित किया गया। फेसबुक के अनुसार- इस विश्लेषक की ओर से एक सर्वे दिया गया था, जिसे 270000 यूजर्स ने भरा है। यह सर्वे सिर्फ उन यूजर्स से ही नहीं बल्कि उनके दोस्तों आदि से भी भरवाया गया। इन यूजर्स को इस सर्वे से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं थी। सर्वे के बाद ये सारी जानकारी कैम्ब्रिज एनलिटिका को दे दी गई जो की फेसबुक के नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं अब इस पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं कि इस डाटा का आखिर क्या किया गया?
डाटा रेगुलेशन की सख्त जरुरत: इस समय फेसबुक के 2.1 बिलियन एक्टिव यूजर्स हैं। इनमें से 1.4 बिलियन यूजर्स डेली साइट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है की क्या आने वाले समय में प्राइवेसी प्रोटेक्शन और डाटा रेगुलेशन को लेकर कानून बनाए जाएंगे या नहीं? क्योंकि इस बड़े डाटा चोरी के मामले के बाद यूजर्स की निजी जानकारी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कानूनों की सख्त जरुरत लगती है।